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करैल में फर्जी जॉब कार्ड से करोड़ों का घोटाला 

  • 1282 मतदाता और जॉब कार्ड 1958, जिनका पता नहीं वह कर रहे मजदूरी, चौकीदार को बनाया मजदूर

सीधी। भारत सरकार की 100 दिन के काम की गारंटी वाली रोजगार गारंटी योजना ग्राम पंचायत करैल में रोजगार सहायक सह प्रभारी सचिव के लिए चारागाह बनकर रह गई है जो कि शासन के नियमों को अपने लाभ के लिए अपने मन मुताबिक तोड़ने में तनिक भी परहेज नहीं करते हैं। अकेले इस योजना में करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आया है।

जनपद पंचायत कुसमी अंतर्गत ग्राम पंचायत करैल में कुल 1282 मतदाता है जबकि यहां पर 1958 जॉब कार्ड बनाए गए हैं। शासन के नियम अनुसार केवल वयस्क व्यक्तियों के ही जॉब कार्ड बनाए जा सकते हैं तो फिर अगर इस नियम के मुताबिक तो ग्राम पंचायत करैल में 676 जॉब कार्ड फर्जी बनाए गए हैं आखिर यह किनके हैं और क्यों बनाए गए हैं। इसे हम कुछ एग्जांपल के साथ समझते हैं। रमाशंकर पानिका पिता शिव प्रसाद निवासी ग्राम चंदरसा ग्राम पंचायत करैल में चपरासी के पद पर पदस्थ हैं जहां से उन्हें मानदेय प्राप्त होता है किंतु रोजगार सहायक द्वारा उनका जॉब कार्ड संख्या एमपी 15-007-039-009/22 बी दिनांक 22 दिसंबर 2017 को बनाकर 156000 मजदूरी के रूप में आहरित किया गया।

इतना ही नहीं रमाशंकर पिता शिव प्रसाद निवासी कांसखेड़ा के नाम पर ही एक दूसरा जॉब कार्ड संख्या एमपी 15-007-037-006/105-ए दिनांक 1 दिसंबर 2022 बनाकर रमाशंकर और उसकी पत्नी पूनम को 7-7 दिन मजदूरी करना बता कर 2856 रुपए का आहरण किया गया। इसमें मजेदार बात यह है कि काॅसखेड़ा में रमाशंकर पिता शिव प्रसाद नाम का कोई भी आदमी नहीं है इस बात की पुष्टि न सिर्फ मतदाता सूची से होती है बल्कि कांसखेड़ा जो कि ग्राम पंचायत करैल के वार्ड नंबर 7 में आता है जहां के पॅच श्रीमती रामकली के पति रघुनंदन सिंह द्वारा की गई है। इसका एक दूसरा सबसे बड़ा सबूत यह भी है कि रमाशंकर पानिका निवासी चंदरसा जो कि पंचायत में चौकीदार के रूप में कार्यरत है उसी की पत्नी का नाम पूनम है। इस तरह एक ही व्यक्ति के दो फर्जी जॉब कार्ड बनाए गए हैं और दोनों में मजदूरी का आहरण किया गया है जो की पूरी तरह फर्जी है क्योंकि रमाशंकर पानिका ग्राम पंचायत में चौकीदार के रूप में कार्यरत हैं जिसके लिए उन्हें मानदेय भी प्राप्त होता है, इसलिए वह मनरेगा में मजदूरी नहीं कर सकता है लेकिन जब शिव मेहरबान हो तो फिर कुछ भी हो सकता है और मनरेगा को प्रसाद बनाकर बाॅटा जा सकता है ।

****  रिश्तेदारों को दी मनरेगा की सौगात  ***

रोजगार सहायक शिव प्रसाद यादव ने अपने आधा दर्जन रिश्तेदारों के नाम पर फर्जी जॉब कार्ड बनाकर उन्हें मजदूरी की सौगात बांट दी। ऐसे लोगों में मनोज यादव पिता हरख लाल यादव शिव प्रसाद के मामा का लड़का जॉब कार्ड संख्या एमपी 15-007-037-003/17/ बी दिनांक 14 अप्रैल 2018 निवासी पौड़ीडोल जनपद पंचायत बैढ़न जिला सिंगरौली, सरोज यादव पत्नी मनोज यादव शिव प्रसाद के मामा की बहू जॉब कार्ड संख्या एमपी 15-007-037-003 /17 सी दिनांक 14 अप्रैल 2018 निवासी पोडीडोल जनपद पंचायत बैढ़न जिला सिंगरौली, राम कुशल यादव पिता छोटे यादव मामा का लड़का जॉब कार्ड संख्या एमपी 15-007-037- 003/2 बी दिनांक 6 जून 2017 निवासी पौड़ीडोल जनपद पंचायत बैढ़न जिला सिंगरौली, रामलली यादव पत्नी मनोज यादव रोजगार सहायक की बहन निवासी पौड़ीडोल जनपद पंचायत बैढ़न जिला सिंगरौली जॉब कार्ड संख्या एमपी 15 -007-037-003/13 डी दिनांक 14 अप्रैल 2018 , मनोज यादव पिता लोलर यादव निवासी ग्राम पंचायत पौड़ीडोल जनपद पंचायत बैढ़न जिला सिंगरौली शिव प्रसाद की बहन का पति जॉब कार्ड संख्या एमपी 15-007-037-003/13 सी दिनांक 14 अप्रैल 2018 , सेनामती यादव पत्नी राम कुशल यादव निवासी ग्राम पोडीडोल जनपद पंचायत बैढ़न जिला सिंगरौली रोजगार सहायक शिव प्रसाद के मामा की बहू जॉब कार्ड संख्या एमपी 15-007-037-003/15 सी दिनांक 14 अप्रैल 2018 के नाम पर जॉब कार्ड बनाकर मनरेगा योजना से मजदूरी के रूप में करोड़ों रुपए का आहरण किया गया है। मजेदार बात तो यह है कि इन सभी को निवासी ग्राम केरहा ग्राम पंचायत करैल जनपद पंचायत कुसमी जिला सीधी का निवासी बताया गया है जबकि यह सभी सिंगरौली जिले के निवासी हैं। इस तरह रोजगार सहायक शिव प्रसाद यादव ने अपने फर्जीवाड़े में अपने रिश्तेदारों को भी शामिल कर लिया है और सभी बेखौफ मिलकर मनरेगा योजना का लाभ ले रहे हैं।इसके अलावा भी सैकड़ो की तादाद में फर्जी पाए गए जाब कार्डों का खुलासा शीघ्र किया जाएगा।

कोई भी व्यक्ति दो कम एक साथ नहीं कर सकता है। अगर ऐसा है तो गलत है। 

ज्ञानेंद्र मिश्र

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कुसमी

 

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